5th फरवरी की रात्रि और 6th की सुबह में मेरे विचारों में कितना अंतर है-
Feb 5 2015
Around 10 p m
Life!
By
Madhu Rajan
Why are you so difficult?
Is it necessary to be unpredictable?
And also unfair!
फरवरी ६,२०१५
नव प्रभात
द्वारा
मधु राजन
एक नयी भोर, एक नयी सुबह
कुछ नयी चुनौती, नयी आस
सूरज की नयी नयी किरणें
कुछ सकुचाती सी आये पास
खिल उठीं तिमिर पलायन देख
बन धूप छाईं किरणें अनेक
नन्हे पक्षी का कलरव या
किरणों हेतु है विजय घोष
पृथ्वी ने भी तो स्वागत में
अपना आंचल फैलाया है
भर गया पूरब तो रंगो से
प्रकृति मन भी मचला सा है
चिन्ताओं के बादल जैसे
छट गये सूर्य के आते ही
सूर्य चमक से घबराया
आशंकाओं का कोहरा भी
एक नयी शक्ति संचरित हुयी
जीवन में मानों मानव के
मन में नव उत्साह लिये
चल पड़ा कर्म की राहों पे
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