१ जनवरी २०१७
नए वर्ष का नया सूर्य
मधु राजन
नए वर्ष का नया सूर्य
क्या ले कर आया है सौगातें
नयी कथा औ नयी व्यथा
दुखित पलों की और बारातें
या छोड़ के उसने चलन पुराना
नयी रीत को अपनाया है
जीवन में वह हम सबके
प्रेम भरा सुख-रस लाया है
झाँक के खिड़की से जो देखा
सूरज तो प्रति दिन जैसा है
धरती काट रही है चक्क्र
उसे न कुछ लेना-देना है
यह तो मेरे अपने मन में
कथा-व्यथा औ' सुख-रस धारा
तब क्यों न मैं चुनूं उमंगों
से मुस्काता जीवन प्यारा
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~